गुरुवार 13 फ़रवरी 2025 - 05:58
शरई अहकाम | इस्तिखारे पर अमल ना करने या दुबारा इस्तिखारा करने का हुक्म

हौज़ा / इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह खामेनई ने इस्तिखारे का पालन न करने या इस्तिखारा को दोहराने पर अपना विचार व्यक्त किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह खामेनई ने इस्तिखारे का पालन न करने या इस्तिखारा को दोहराने पर अपना विचार व्यक्त किया है। जिसे हम शरई अहकाम में रुचि रखने वालों के समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं।

प्रश्न: क्या इस्तिखारे के विरुद्ध कार्य करना या इस्तिखारे को दोहराना जायज़ है?

जवाब: बेहतर यह है कि इंसान पहले उन कामों के बारे में सोचे जो उसे करने हैं या फिर अनुभवी और भरोसेमंद लोगों से सलाह ले। लेकिन अगर फिर भी वह किसी नतीजे पर न पहुंचे तो उसे इस्तिखारा करना चाहिए और हालात बदलने तक दोबारा इस्तिखारा करने की कोई वजह नहीं है।

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